Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एससी-एसटी विशेष न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए एक दलित युवती से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात के दोषी आरोपी नबी आलम खान को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने उस पर कुल ₹5,000 का अर्थदंड भी लगाया है।
शादी, नौकरी और मकान का झांसा देकर किया शोषण
मामला वर्ष 2022 का है। पीड़िता उस समय रायपुर के गुढ़ियारी क्षेत्र में किराए के मकान में रहती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात आरोपी नबी आलम खान से हुई। आरोपी ने पहले नौकरी और मकान दिलाने का लालच दिया, फिर शादी का झांसा देकर उसका भरोसा जीत लिया। इसके बाद उसने लगातार शारीरिक शोषण किया।
गर्भवती होने पर दी जबरन गर्भपात की दवा
पीड़िता के अनुसार, आरोपी ने 15 जून 2022 से 9 सितंबर 2023 तक उसका यौन शोषण किया। इस दौरान वह गर्भवती हुई तो आरोपी ने जबरन गर्भपात की दवाई देकर उसका गर्भपात कराया। युवती ने बताया कि यह सब कुछ शादी का वादा करके किया गया था।
कोर्ट ने साक्ष्यों को माना पुख्ता
मामले में अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 14 गवाह पेश किए, जिनमें पीड़िता, मकान मालिक, चिकित्सक और अन्य प्रत्यक्षदर्शी शामिल थे। विशेष सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की जातीय और सामाजिक स्थिति का लाभ उठाकर गंभीर अपराध किया है, और ऐसे मामलों में किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती।
आरोपी मिली कठोर सजा
कोर्ट ने नबी आलम खान को इन धाराओं में दोषी पाया:
IPC की धारा 376(2) के तहत 10 वर्ष कठोर कारावास
धारा 313 (जबरन गर्भपात) के तहत 5 वर्ष कारावास
SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(v) के तहत आजीवन कारावास
