Bilaspur Suicide: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के नेवसा स्थित सीता देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा पूनम रजक की आत्महत्या को आज एक महीना से ज़्यादा हो चुका है। लेकिन अब तक शिक्षा विभाग और पुलिस, दोनों ही जांच को किसी नतीजे तक नहीं पहुँचा पाए हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पूनम को न्याय कब मिलेगा?
सीता देवी स्कूल की छात्रा थी पूनम
22 सितंबर का वो दिन, जब कक्षा 9वीं की छात्रा पूनम रजक ने स्कूल में हुए अपमान के बाद आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।आरोप है कि शिक्षक आतिश रात्रे ने पूनम और उसके दोस्त की स्कूल में पिटाई की थी। इतना ही नहीं, छात्रा के बाल पकड़कर पूरे परिसर में घसीटा गया। इस अपमान से आहत पूनम ने घर जाकर अपनी जान दे दी।घटना के बाद इलाके में गुस्सा भड़क गया। लोगों ने स्कूल प्रबंधन और आरोपी शिक्षक को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे ने तत्काल तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई और दो कार्य दिवस में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। लेकिन अफसोस एक महीना बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट आज तक पूरी नहीं हो सकी।
जांच टीम में शामिल प्राचार्य कन्हैया लाल फरवी, प्राचार्या नसीम बेगम और सहायक खंड शिक्षा अधिकारी दीप्ति गुप्ता ने सभी बयान दर्ज कर लिए हैं, लेकिन रिपोर्ट तैयार करने में तालमेल की कमी बताकर जिम्मेदारी टाल रहे हैं। वहीं नसीम बेगम तो जांच के दौरान छुट्टी पर थी ऐसे में सवाल उठता है कि जब वे उपलब्ध ही नहीं थीं, तो उन्हें टीम में शामिल क्यों किया गया? इस विषय में जब जिला शिक्षा अधिकारी विजय टांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि टीम के द्वारा लगभग जांच कर लिया गया है। जल्द ही रिपोर्ट बनाकर सौप दी जाएगी फिर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
लेकिन अब सवाल ये है
क्या शिक्षा विभाग वाकई इस गंभीर मामले को लेकर संवेदनशील है? या फिर एक मासूम छात्रा की मौत महज़ फाइलों की धूल में दबकर रह जाएगी?पूनम को न्याय कब मिलेगा यह अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ा सवाल बन गया है। पूनम रजक (Poonam Rajak Suicide) अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी आखिरी चीख आज भी न्याय की पुकार बनकर गूंज रही है। अब देखना ये है कि प्रशासन इस आवाज़ को सुनता है या फिर ये मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
